Subhas Chandra Bose biography 2025 | सुभाष चन्द्र बोस का जीवन परिचय
तुम मुझे खून दो मै तुम्हे आजादी दूंगा कहने वाले Netaji Subhash Chandra Bose को कौन नहीं जानता।स्वतंत्रता अभियान के एक और महान क्रान्तिकारियो में सुभाष चंद्र बोस का नाम भी आता है। नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने भारतीय राष्ट्रिय सेना का निर्माण किया था। जो विशेषतः “आजाद हिन्द फ़ौज़” के नाम से प्रसिद्ध थी। सुभाष चंद्र बोस, स्वामी विवेकानंद को बहुत मानते थे।
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जीवन परिचय ( Netaji Subhas Chandra Bose biography in hindi)
Attribute | Details |
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Full Name | Subhas Chandra Bose |
Nickname | Netaji |
Date of Birth | January 23, 1897 |
Place of Birth | Cuttack, Odisha, India |
Parents | Janakinath Bose (Father), Prabhavati Devi (Mother) |
Siblings | 13 (including Sarat Chandra Bose) |
Education | Presidency College, University of Calcutta, University of Cambridge |
Profession | Freedom Fighter, Politician |
Known For | Establishing the Indian National Army (INA) |
Political Association | Indian National Congress, Forward Bloc |
Spouse | Emilie Schenkl |
Children | Anita Bose Pfaff |
Death | August 18, 1945 (Allegedly in a plane crash) |
Legacy | Regarded as a prominent figure in the Indian Independence Movement |
Early life | सुभाष चंद्र जी का प्रारंभिक जीवन (नेताजी सुभाष चंद्र बोस प्रारंभिक जीवन)
सुभाष चंद्र जी का जन्म कटक, उड़ीसा के एक बंगाली परिवार में हुआ था, उनके 7 भाई और 6 बहनें थीं। वह अपने माता-पिता की 9वीं संतान थे, नेताजी अपने भाई शरदचंद्र के बहुत करीब थे। उनके पिता जानकीनाथ कटक के एक प्रसिद्ध और सफल वकील थे, जिन्हें राय बहादुर की उपाधि दी गई थी। नेताजी को बचपन से ही पढ़ाई में बहुत रुचि थी, वे बहुत मेहनती और अपने शिक्षक के प्रिय थे। लेकिन नेताजी की खेलों में कभी दिलचस्पी नहीं रही।
नेता जी ने स्कूल की पढाई कटक से ही पूरी की थी. इसके बाद आगे की पढाई के लिए वे कलकत्ता चले गए, वहां प्रेसीडेंसी कॉलेज से फिलोसोफी में BA किया. इसी कॉलेज में एक अंग्रेज प्रोफेसर के द्वारा भारतियों को सताए जाने पर नेता जी बहुत विरोध करते थे, उस समय जातिवाद का मुद्दा बहुत उठाया गया था. ये पहली बार था जब नेता की के मन में अंग्रेजों के खिलाफ जंग शुरू हुई थू.
नेता जी के मन में देश के प्रति प्रेम बहुत था वे उसकी आजादी के लिए चिंतित थे, जिसके चलते 1921 में उन्होंने इंडियन सिविल सर्विस की नौकरी ठुकरा दी और भारत लौट आये.
नेताजी का राजनीतिक जीवन – Subhash Chandra Bose Political Career
नेता जी सुभाष चन्द्र बोस 1927 में जेल से बाहर आ गए इसके बाद उन्होनें अपने राजनैतिक करियर एक आधार देकर विकसित किया। सुभाष चन्द्र बोस ने कांग्रेस पार्टी के महासचिव के पद को सुरक्षित कर लिया और गुलाम भारत को अंग्रेजों के चंगुल से आजाद कराने की लड़ाई में भारत के प्रथम प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के साथ काम करना शुरू कर दिया।
सुभाषचंद्र बोस अपने कामों से लोगों पर अपना प्रभाव छोड़ रहे थे इसलिए इसके 3 साल बाद उन्हें कलकत्ता का मेयर के रूप में चुना गया। 1930 के दशक के मध्य में, नेता जी ने बेनिटो मुसोलिनी समेत पूरे यूरोप की यात्रा की।अपने कामों से नेता जी ने कुछ ही सालों में लोगों के बीच अपनी एक अलग छवि बना ली थी इसके साथ ही वे एक नौजवान सोच लेकर आए थे जिसके चलते वे यूथ लीडर के रूप में लोगों के प्रिय और राष्ट्रीय नेता भी बन गए।
नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की म्रत्यु (Subhas Chandra Bose Death)
1945 में जापान जाते समय नेता जी का विमान ताईवान में क्रेश हो गया, लेकिन उनकी बॉडी नहीं मिली थी, कुछ समय बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था.
भारत सरकार ने इस दुर्घटना पर बहुत सी जांच कमिटी भी बैठाई, लेकिन आज भी इस बात की पुष्टि आज भी नहीं हुई है. मई 1956 में शाह नवाज कमिटी नेता जी की मौत की गुथी सुलझाने जापान गई, लेकिन ताईवान ने कोई खास राजनीती रिश्ता ना होने से उनकी सरकार ने मदद नहीं की.
2006 में मुखर्जी कमीशन ने संसद में बोला, कि ‘नेता जी की मौत विमान दुर्घटना में नहीं हुई थी, और उनकी अस्थियाँ जो रेंकोजी मंदिर में रखी हुई है, वो उनकी नहीं है.’ लेकिन इस बात को भारत सरकार ने ख़ारिज कर दिया. आज भी इस बात पर जांच व विवाद चल रहा है.
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सुभाष चन्द्र बोस जयंती ( Subhas Chandra Bose Jayanti 2025)
23 जनवरी को नेताजी सुभास्ज चन्द्र बोस जी का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन को प्रतिवर्ष सुभाष चन्द्र बोस जयंती के रूप में मनाया जाता है.
नेता सुभाष चंद्र बोस जी के बारे में रोचक तथ्य
- वर्ष 1942 में नेता सुभाष चंद्र बोस जी हिटलर के पास गए और भारत को आजाद करने का प्रस्ताव उसके सामने रखा, परंतु भारत को आजाद करने के लिए हिटलर का कोई दिलचस्पी नहीं था और उसने नेताजी को कोई भी स्पष्ट वचन नहीं दिया था।
- सुभाष चंद्र बोस जी स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह जी को बचाना चाहते थे और उन्होंने गांधी जी से अंग्रेजों को किया हुआ वादा तोड़ने के लिए भी कहा था, परंतु वे अपने उद्देश्य में नाकाम रहे।
- नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी ने भारतीय सिविल परीक्षा में चौथा स्थान प्राप्त किया था, परंतु उन्होंने देश की आजादी को देखते हुए अपने इस आरामदायक नौकरी को भी छोड़ने का बड़ा फैसला लिया।
- नेताजी को जलियांवाला बाग हत्याकांड के दिल दहला देने वाले दृश्य ने काफी ज्यादा विचलित कर दिया और फ़िर भारत की आजादी संग्राम में खुद को जोड़ने से रोक ना सके।
- वर्ष 1943 में बर्लिन में नेताजी ने आजाद हिंद रेडियो और फ्री इंडिया सेंट्रल से सकुशल स्थापना की।
- वर्ष 1943 में ही आजाद हिंद बैंक ने 10 रुपए के सिक्के से लेकर 1 लाख रुपए के नोट जारी किए थे और एक लाख रुपए की नोट में नेता सुभाष चंद्र जी की तस्वीर भी छापी गई थी।
- नेता जी ने ही महात्मा गांधी जी को राष्ट्रपिता कह कर संबोधित किया था।
- सुभाष चंद्र बोस जी को 1921 से लेकर 1941 के बीच में 11 बार देश के अलग-अलग कैदखाना में कैद किया गया था।
- नेता सुभाष चंद्र बोस जी को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में दो बार अध्यक्ष के लिए चुना गया था।
- नेता सुभाष चंद्र बोस जी की मृत्यु आज तक रहस्यमई बनी है और इस पर से आज तक कोई भी पर्दा नहीं उठ सका है और यहां तक कि भारत सरकार भी इस विषय पर कोई भी चर्चा नहीं करना चाहती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. सुभाष चंद्र बोस कौन थे?
सुभाष चंद्र बोस भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महान नेता थे। उन्होंने भारत को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराने के लिए आजाद हिंद फौज (INA) की स्थापना की। उन्हें नेताजी के नाम से जाना जाता है।
2. सुभाष चंद्र बोस किस लिए प्रसिद्ध हैं?
वे भारतीय राष्ट्रीय सेना (INA) का नेतृत्व करने और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ संघर्ष करने के लिए प्रसिद्ध हैं। उनका प्रसिद्ध नारा “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा” आज भी भारतीय इतिहास में गूंजता है।
3. सुभाष चंद्र बोस का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उनका जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक, ओडिशा में हुआ था।
4. सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु कैसे हुई?
कहा जाता है कि 18 अगस्त 1945 को ताइपेई, ताइवान में एक विमान दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई थी। हालांकि, उनकी मृत्यु को लेकर कई साजिश सिद्धांत और विवाद आज भी मौजूद हैं।
5. आजाद हिंद फौज (INA) की भूमिका क्या थी?
आजाद हिंद फौज का गठन सुभाष चंद्र बोस ने भारतीय स्वतंत्रता के लिए किया था। इसमें भारतीय युद्धबंदी और दक्षिण-पूर्व एशिया में बसे भारतीय प्रवासी शामिल थे, जिनका उद्देश्य ब्रिटिश शासन के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष करना था।
6. सुभाष चंद्र बोस की पत्नी और संतान कौन थीं?
सुभाष चंद्र बोस की पत्नी एमिली शेंकल थीं, जो ऑस्ट्रिया की निवासी थीं। उनकी एक बेटी हैं, जिनका नाम अनीता बोस फाफ है, जो एक अर्थशास्त्री हैं।
7. भारतीय इतिहास में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का महत्व क्या है?
नेताजी देशभक्ति और साहस के प्रतीक माने जाते हैं। भारत की आजादी के लिए उनके संघर्ष और बलिदान ने देश के स्वतंत्रता आंदोलन को एक नई दिशा दी। वे आज भी भारतीयों के दिलों में अमर हैं।